जिला अस्पताल में एक मरीज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने से हड़कंप मच गया।आपको बतादे की मरीज का शव जिला अस्पताल के शौचालय में मिला। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगते हुए जिला अस्पताल में हंगामा किया। हालांक‌ि च‌िकित्सकों के समझाने के बाद परिजन शव लेकर लौट गये।

मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के बंगाली बस्ती ब्रह्मपुरी निवासी उत्तमदेव (43) को लेकर परिजन रविवार की रात को पेट में दर्द होने की वजह से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। बताया जा रहा है कि इमरजेंसी वार्ड में मौजूद चिकित्सक ने इंजेक्शन लगाकर वापस यह कहते हुए भेज दिया कि सुबह आ जाना। परिजन मरीज को लेकर कुछ तकलीफ होने पर दोबारा जिला अस्पताल पहुंचे। जहां पर मरीज का आधार कार्ड लाने को बोला गया। बताया जा रहा हैं कि जब मरीज का बेटा शुभम घर से आधार कार्ड लेकर अस्पताल पहुंचा, तो उसके पिता इमरजेंसी वार्ड के सामने बैठे मिले। जब शुभम ओपीडी पर्चा बनाने गया और वापस लौटा तो उसके पिता वहां नहीं मिले।

परिजनों ने पूरे अस्पताल में मरीज की तलाश की मगर नहीं मिले, तभी मरीज का बेटा शुभम शौचालय में देखने गया तो अंदर से बंद शौचालय में उसके पिता अचेत हालत में पाए गए। शोर मचाने पर अस्पताल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़कर मरीज को बाहर निकाला गया। मृतक के बेटे शुभम ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने उसके पिता को नहीं देखा।इमरजेंसी वार्ड के इएमओ डा विकास दीप ने बताया कि जब मरीज को शौचालय से एमरजेंसी में लाया गया था, तो वह मृत था। मरीज की मौत हार्टअटैक से हुई है। चिकित्सकों ने मृतकों के परिजनों को मौत की वास्तविकता की जानकारी देते हुए शांत कराया। जिसके बाद परिजन शव को लेकर चले गए।

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