*देश के कोने कोने से आए उर्स में जायरीन कुल शरीफ की रसम के बाद अपने अपने घरों को लौटने शुरू: सय्यद हाफिज मेराज हुसैन साबरी*

रिपोर्ट : मनव्वर कुरैशी
पिरान कलियर/कलियर शरीफ पीरो की नगरी कहलाती है यहां पर अनेकों पीरो वालियों का मकाम है यहां पर देश विदेश से अकीदातंद आते है ये स्थान आस्था का प्रतीक है यहा पर सभी धर्म के लोग आते है और अपनी अपनी मुरादों की झोलिया भर कर ले जाते है इसी में एक नाम है हजरत बाबा गुलाम जिलानी साबरी जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अल्लाह के वालियों और यहां पर आने वाले जायरीनों की खिदमत में गुजार दी इन्होंने चालीस साल मुस्लसल हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक रहमतुल्ला अलेय की रात की रोजा मुबारक की खास खिदमात में लगाऐ और हजरत साबिर पाक के इकलौते मुरीद हजरत हाफिज सय्यद ख्वाजा समसुद्दीन तुर्क पानीपती (रह०) के मजार शरीफ के आस पास जो अवैध कब्जा था उसको अपने निजी खर्च पर कब्जा मुक्त कराकर मजार शरीफ परिसर का चौड़ीकरण कराया और अपनी जिंदगी की सारी कमाई को अल्लाह के वालियों के मजारों पर खर्च कर आज एक बडा मकाम हासिल किया जो हमेशा हमेशा याद किया जाएगा।कलियर शरीफ में 24,25,26 अप्रैल को हजरत बाबा गुलाम जिलानी साबरी का 14 वा सालाना उर्स सकुशल सम्पन्न हुआ। जिसमे देश के कोने कोने से जायरीनो ने शिरकत की।इस अवसर पर दरगाह सय्यद हाफिज ख्वाजा समसुद्दीन तुर्क पानीपती रहमतुल्ला अलैय व दरगाह हजरत बाबा गुलाम जिलानी साबरी के सज्जादा नशीन सय्यद हाफिज मेराज हुसैन साबरी ने बताया है कि हजरत बाबा गुलाम जिलानी साबरी के तीन दिवसीय उर्स 24,25,26 अप्रैल को सकुशल संपन्न हुआ जिसमे देश के कोने कोने से आपके मुरीदैन ने शिरकत की और साबरी फैज से अपनी अपनी झोलिया भर भर कर अपने अपने घरों को लौट गए।इस अवसर पर सय्यद हाफिज मेराज हुसैन साबरी ने मुल्क और सभी मौजूद अकीदतमंदो व मुरोदैन के लिए खास दुआ कराई और दरगाह साबिर पाक में चादर व फूल पेश किए। और हजरत बाबा गुलाम जिलानी साबरी की आखरी रसम कुल शरीफ के साथ उर्स का समापन हुआ। इस अवसर पर अकरम अली चेयरमैन नगर पालिका रामनगर एवं पूर्व अध्यक्ष वक्फ बोर्ड उत्तराखंड,हाजी राव शेर मोहम्मद पूर्व अध्यक्ष हज कमेटी उत्तराखंड,सय्यद शान अली संभल,शुब्बू मिया रेदोली शरीफ,मौलाना इंतखाब हुसैन कदिरी,हाजी इस्तयाख साबरी,शमीम साबरी,शान साबरी,तसलीम साबरी,फैसल साबरी, सूफी वसीम बरेली, सय्यद शमसाद हुसैन बदायू,विधायक पुत्र बंटी मुरादाबाद,बाबा मैसी शाह बटेला,रिजवान साबरी जहांगीराबाद,नितिन पहलवान अमृतसर,युनूस मेहर अमृतसर,सलीम साबरी उध्यपुर, करामत साबरी हल्द्वानी,सूफी इसरार साबरी, इस्तखार अमन साबरी,यावर मिया सहित काफी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत की।

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