देहरादून /उत्तराखण्ड में मंत्रीपरिषद से निष्कासन और पार्टी से बर्खास्तगी की वजह से हुए अपमान से तड़प रहे पूर्व काबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल  अब पार्टी के चुनाव प्रचार का अहम हिस्सा बन चुके हें। आपको बतादे की मंत्रीपरिषद से निष्कासन और पार्टी से बर्खास्तगी की वजह से हुए अपमान का दंस भाजपा को झेलना पड़ सकता हें  हैं। हरक सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनाना ही अब उनका एकमात्र लक्ष्य है। अब पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसके अनुसार प्रभावी तरीके से काम किया जाएगा। करीब पांच दिन की उठापटक के बाद हरक सिंह रावत एक बार फिर से कांग्रेस के हो गए हैं। वर्ष 2016 में बगावत कर भाजपा में शामिल हुए हरक को 16 जनवरी को भाजपा ने मंत्रीपरिषद से निष्कासित कर दिया था।

बल्कि पार्टी से भी बाहर कर दिया था। हरक का कहना है कि उन्होंने भाजपा नेताओं को बार बार आगाह किया था कि वो चुनावी वादों को पूरा करें। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जनता से झूठे वायदे करने कर ठगने वाली भाजपा जनता से वोट मांगने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।  सूत्रों के अनुसार कांग्रेस भी हरक का उपयोग उनके प्रभावी वाली सीटों पर करना चाहती है। जिसके चलते इस चुनाव के महासंग्राम में हरक सिंह रावत भाजपा को झटका दे सकते है।और अपना बर्चस्व कांग्रेस में बना सकते है।

error: Content is protected !!