हरिद्वार की उपनगर ज्वालापुर में ईदगाह के सामने आयशा क्लीनिक के नाम से संचालित मेटरनिटी होम की संचालिका के अनट्रेंड होने का खामियाजा एक युवा दंपत्ति को उस समय भुगतना पड़ा जब डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत हो गई घटनाक्रम के अनुसार ज्वालापुर के मोहल्ला कस्बा निवासी मसूद कुरैशी ने आयशा क्लीनिक में अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया था।

बताया जा रहा है कि आज सुबह उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब डिलीवरी करा रही क्लीनिक संचालिका ने मसूद अहमद को बाहर आकर डिलीवरी के दौरान बच्चे के फंसने की सूचना दी और मसूद को लेबर रूम में बुलाया।बताया जा रहा हैं कि संचालिका के द्वारा डिलीवरी के दौरान बच्चे की गर्दन पकड़ कर बाहर खींचने की कोशिश की गई जिसके चलते नवजात शिशु की मौत हो गई।

सूचना मिलने पर मसूद के परिजनों और क्षेत्र के पार्षद सोहेल कुरेशी सहित ज्वालापुर पुलिस मौके पर पहुंच गई नवजात की मौत से क्रोधित परिजनों के द्वारा क्लीनिक पर जमकर हंगामा किया गया। आपको बता दें कि क्षेत्र में इस तरह के कई क्लीनिक मौजूद हैं। जो बिना डॉक्टरों के चल रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग आंख बंद किए बैठा है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

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