देहरादून / सरकार ने उत्तराखंड में हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाया है। पूरे राज्य में दिसंबर माह तक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) लागू कर दी है। इसके तहत सभी जिलाधिकारियों के अधिकार भी बढ़ा दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के बाद सोमवार को अपर सचिव (गृह) रिधिम अग्रवाल ने यह आदेश किए हैं। यूपी के लखीमपुरी खीरी में एक दिन पहले विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंदने की घटना के बाद पुलिस मुख्यालय ने भी सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है।
सरकार का मानना है कि पिछले दिनों राज्य के कुछ जिलों में हिंसक घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं के प्रतिक्रिया स्वरूप राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी घटनाएं होने की आशंका है। कुछ समाज विरोधी तत्व राज्य की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इसके साथ ही कुछ तत्व राज्य की सेवाओं को बनाए रखने में भी बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं।
ऐसे में लोक व्यवस्था बनाए रखने और लोगों के हित के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से पूरे राज्य में रासुका लगाई जाती है। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की धारा तीन की उपधारा दो में जिलाधिकारियों को प्राप्त अधिकार प्रयोग करने की छूट दे दी है। यह आदेश एक अक्तूबर से 31 दिसंबर तक फिलहाल प्रभावी रहेगा।