हरिद्वार/ प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में उत्तरप्रदेश पुलिस की एक टीम ने सोमवार देर रात हरिद्वार के श्यामपुर क्षेत्र से उनके शिष्य आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया।

यूपी पुलिस के हरिद्वार पहुंचने तक उत्तराखंड पुलिस ने घंटों तक आनंद गिरि को नजरबंद रखा। देर रात प्रयागराज से यूपी पुलिस की एक टीम हरिद्वार पहुंची और आनंद गिरि का मेडिकल करवाने के लिए उसे अपने साथ लेकर रवाना हो गई। प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरि का शव फांसी पर लटका मिला था। लंबे चौड़े सुसाइड नोट में आनंद गिरि को मौत का जिम्मेदार बताया गया है। इसे आधार बनाते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस से मदद मांगते हुए आनंद गिरि को हिरासत में लेने के लिए कहा ।एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय और सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने श्यामपुर के गाजी वाली क्षेत्र पहुंचकर आनंद गिरि का आश्रम घेर कर आनंद गिरि को नजरबंद कर उन्हें बता दिया गया कि आश्रम से बाहर जाने का प्रयास ना करें।

देर रात यूपी पुलिस की एक टीम हरिद्वार पहुंची और आनंद गिरि को अपनी हिरासत में लेकर प्रयागराज रवाना हो गई। श्री महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर धर्म जगत में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। हरिद्वार का संत समाज सीधे तौर पर हत्या का आरोप लगा रहा है। नरेंद्र गिरी और उनके शिष्य आनंद गिरी का विवाद लंबे समय तक सुर्खियों में रहा है।

श्री महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद सुसाइड नोट में आनंद गिरि को जिम्मेदार ठहराने से एक बार फिर यह मामला उखड़ गया है। हालांकि गिरफ्तारी से पहले हरिद्वार में पत्रकारों से बात करते हुए आनंद गिरि ने खुद को बेकसूर बताया है। और कहा है कि किसी ने साजिश के तहत श्री महंत नरेंद्र गिरि की हत्या कर उन्हें फंसाने का काम किया है। इतना ही नहीं आनंद गिरि ने खुद की हत्या का अंदेशा भी जताया है ।वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस के इनपुट पर आनंद गिरि को नजरबंद किया गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम आनंद गिरि को अपने साथ ले गए हैं।

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