रिपोर्ट : सीमा कश्यप
रुड़की/माहे रमजान एक पवित्र और सब्र का महीना है यह हमें भूख और प्यास की शिद्दत को बर्दाश्त करना सिखाता है और इस पवित्र महीने से छोटे-छोटे बच्चों को भी बहुत प्यार है यही देखने को मिला आज रुड़की के मोहल्ला ईदगाह कॉलोनी पुरानी तहसील से शमशाद अंसारी सहायक अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग देहरादून के साहबजादे मोहम्मद तलहा अंसारी ने कई वर्षो से छोटी सी आयु से ही रोजा रखना शुरू कर दिया था और आज कलियर शरीफ की साबरी जामा मस्जिद में जुमा की नमाज अदा की यह देखकर वालिद काफी खुश नजर आ रहे थे का ठिकाना ना रहा और इस खुशी को दुगना करते हुए उन्होंने बच्ची के हाथों से मिठाई बंटवाई वही बच्ची के पिता तौफीक अहमद ने कहा के हमें अपने बच्चों को अच्छी तालीम देनी चाहिए और उनकी अच्छी तबीयत करनी चाहिए तभी जाकर कहीं हम बच्चों के प्रति अपना हक अदा कर सकते हैं उन्होंने कहा कि माहे रमजान एक सब्र का महीना है और इस पाक महीने में छोटे-छोटे बच्चों को भी बहुत सब्र होता है। मोहम्मद तलहा के वालिद शमशाद अंसारी ने साथ ही साथ कहा के सभी को रमजान के पाक महीने की कदर करनी चाहिए और कहा के इन छोटे-छोटे बच्चों से हमें प्रेरणा मिलती है के रमजान कितना बरकती महीना है और उन्होंने कहा कि यह उन लोगों के लिए भी एक हिदायत है जो जवान और मजबूत होकर भी माहे रमजान का एहतराम नहीं करते।