हरिद्वार: जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय राजस्व सम्वर्द्धन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित हुई।

बैठक में जिलाधिकारी को अपर जिलाधिकारी  पी0एल0 शाह ने राजस्व सम्वर्द्धन के क्षेत्र में विभिन्न विभागों की प्रगति के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।

बैठक में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वसूली के दिये गये लक्ष्य के सापेक्ष हरिद्वार में 72 प्रतिशत तथा रूड़की में 63 प्रतिशत की वसूली दिसम्बर,2022 तक हुई है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वाहनों पर बकाया कर की वसूली सहित प्रवर्तन की प्रभावी कार्रवाई की जाये तथा ससमय दिये गये लक्ष्य को प्राप्त किया जाये। वन विभाग के अधिकारियों ने बैठक में मशविरा दिया कि गाड़ियों की चैकिंग के लिये एक संयुक्त टीम गठित करने पर विचार किया जाये। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि इस तरह की टीम को सक्रिय किया जाये। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मार्च,2023 तक वसूली का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा।

जिलाधिकारी को राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने अब तक की हुई वसूली के सम्बन्ध में जानकारी दी तो जिलाधिकारी ने वसूली की धीमी प्रगति पर असन्तोष व्यक्त किया तथा निर्देश दिये कि भगवानपुर तथा रूड़की के एसडीएम से निरन्तर सम्पर्क बनाये रखें तथा कहीं पर करापवंचन हो रहा है तो छापेमारी की संयुक्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मार्च,2023 तक लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि और किन क्षेत्रों में स्टाम्प तथा रजिस्ट्रेशन शुल्क लगाया जा सकता है, की संभावनायें तलाश की जायें।

बैठक में विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिसम्बर,2022 तक 68 प्रतिशत की वसूली हो चुकी है तथा मार्च,2023 तक वसूली का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। जिलाधिकारी द्वारा विद्युत चोरी आदि के सम्बन्ध में पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि लगातार छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तीन करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष दो करोड़ 63 लाख की वसूली की जा चुकी है तथा मार्च,2023 तक लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। परिवहन निगम(रोडवेज) के अधिकारियों ने बताया कि मार्च,2023 तक लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। बैठक में इसके अतिरिक्त अन्य सम्बन्धित विभागों के सम्बन्ध में भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ तथा जिलाधिकारी द्वारा ससमय लक्ष्य प्राप्त करने के दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिये।

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