हरिद्वार/ अध्यापकों के समायोजन करने के मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी विद्याशंकर चतुर्वेदी ओर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी जोगेंद्र सिंह राणा के निलंबन की संस्तुति जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे के द्वारा की गई हें

प्राप्त जानकारी के अनुसार चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के बाद भी अवकाश के दिन रविवार को दफ्तर खोल कर बैक डेट में अध्यापकों के समायोजन करने के मामले में जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने मुख्य शिक्षा अधिकारी विद्याशंकर चतुर्वेदी व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी जोगेंद्र सिंह राणा के निलंबन की संस्तुति करते हुए शिक्षा सचिव को पत्र लिखा गया है,

जिला अधिकारी विनय शंकर पांडे को दौलतपुर विद्यालय में आचार संहिता के बावजूद रविवार को नियम विरुद्ध कार्य की शिकायत मिली थी। जिसपर जांच कराई गई जिसमे प्रथम दृष्टया उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई। आचार संहिता के बाद भी समायोजन की कार्यवाही की जा रही थी। इसपर दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिक्षा सचिव और निदेशक को निलंबन के लिए पत्र भेजा गया है।

Vo1 :- जिला अधिकारी विनय शंकर पांडे का कहना है कि दौलतपुर इंटर कॉलेज के मामला है और वहां पर कुछ शिक्षकों के समायोजन का इशू था तो कल मुझे इसकी जानकारी  जैसे ही प्राप्त हुई कि कुछ बैकडेटिंग करने का प्रयास किया जा रहा है तो मैंने इसमें तत्काल अपने मुख्य विकास अधिकारी और एडीएम प्रशासन दोनों को वहां भेजा और उन्होंने वहां जाकर रिकार्ड्स वगैरह भी देते और रिकॉर्ड भी सीज किए उन्होंने, और दो पेज की एक रिपोर्ट दी उससे यह स्पष्ट था कि यह प्रथम दृष्टया दोषी हैं जो बात आ रही है

नियुक्ति पत्र नियुक्ति पत्र नहीं थी ,यह समायोजन का मामला था और उनकी तरफ से कोई पत्र बनाकर भेजा जा रहा था रुड़की के जो इनके ज्वाइन डायरेक्टर हैं वहां के लिए,ऐसे में यह शक होना स्वाभाविक था, एक तो संडे का दिन था और उसमें नोटशीट पर कोई साइन नहीं थे जो लेटर था, उस पर यह जांच का इशू था जब इसमें उनकी रिपोर्ट आई कि यह प्रथम दृष्टया दोषी है तब दोनों अधिकारियों के निलंबन की संस्तुति के साथ में शिक्षा सचिव को पत्र भेज दिया है ,यह दोनों अधिकारी मुख्य शिक्षा अधिकारी है और प्रशासनिक अधिकारी है ।

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