हरिद्वार, 26 मई। भारतमाता पुरम भूपतवाला सिथत एकादश रूद्रपीठ के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज ने सोमवती अमावस्या स्नान करने हरिद्वार आए श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि गंगा भारत की पहचान है और आस्था का केंद्र है। गंगा जल में स्नान और गंगा जल का आचमन करने मात्र से ही जाने अनजाने में किए गए समस्त पाप नष्ट हो जाते है। विश्व की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार के गंगा तट पर किए गए समस्त धार्मिक क्रियाकलापों का करोड़ों गुणा पुण्य फल प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि समस्त पापों को नष्ट कर पुण्य फल प्रदान करने वाली मां गंगा मानवीय गलतियों के चलते प्रदूषित हो रही है। मां गंगा को प्रदूषण से बचाना सभी का कर्तव्य है। इसलिए गंगा स्नान करने के दौरान किसी भी प्रकार की गंदगी, पुराने कपड़े, खाद्य सामग्री आदि गंगा में ना डालें। गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने में योगदान करें। अन्य व्यक्तियों को भी गंगा स्वच्छता के प्रति जागरूक करने में सहयोग करें।

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