8 जनवरी कों तीनों वैष्णव निर्वाणी अनि अखाड़े की भव्य पेशवाई छावनी में करेगी प्रवेश – श्री महंत मुरलीदास जी महाराज
प्रयागराज,श्री पंच रामानंदी निर्वाणी अनि अखाडे के श्री महंत मुरली दास जी महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि महाकुंभ जैसे आयोजन सनातन धर्म संस्कृति विश्व की सबसे महान संस्कृति है।पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभावों के चलते पूरे विश्व के लोग सनातन धर्म को अपना रहे हैं। जिसके चलते आज महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन सनातन धर्म कों विश्व विख्यात बना रहे हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तीनों वैष्णव निर्वाणी अनि अखाडो की पेशवाई 8 जनवरी को केपी इंटर कॉलेज से प्रारंभ होकर नगर का भ्रमण करते हुए छावनी में प्रवेश करेगी। उन्होंने बताया कि तीनों अनि अखाड़े के द्वारा निकाली जाने वाली पेशवाई में ऊंट,हाथी, घोड़े रथ, बैंड बाजे, और सुंदर झांकियां के माध्यम से दिव्य और भव्यता के साथ निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि मानव कल्याण के लिए प्रथ्वी पर अवतरित हुई गंगा प्रतिदिन दर्शन देने वाली साक्षात देवी हैं। गंगा का जल अमृत के समान है। गंगा जल में स्नान, आचमन और गंगा जल के दर्शन मात्र से ही कल्याण हो जाता है। इसलिए प्रत्येक सनातनी का कर्तव्य है कि गंगा को निर्मल, अविरल और प्रदूषण मुक्त रखने में अपना योगदान दे।
इस अवसर पर महंत रमेश दास, महंत राजेश दास जी पहलवान,महेंद्र शिव कुमार दास, महंत भानु पाल दास, महंत गोपाल दास, महंत राम भजन दास, महंत राजू दास, महंत हरिवंश दास, महंत राम आशीष दास, सत्यपाल दास, शंकर दास, अखंड दास, शिवप्रसाद दास, सतपाल दास, सुमंत दास, सरकार दास, सत्यम दास आदि मौजूद रहे।