देहरादून /उत्तराखण्ड में भाजपा के मजबूत स्तम्भ और केबिनेट मन्त्री को बर्खास्त किये जाने की खबर ने जहा पुरे राज्य में सनसनी फेला दी हें वही विधान सभा चुनाओ में अपना जोर अजमाने वाली अन्य पार्टिया इस मोके को भुनाने में लगी हें।आपको बतादे की भाजपा ने बड़ा कदम उठाते हुए काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया। साथ ही छह साल के लिए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आज यह कार्रवाई की गई। हरक पिछले काफी दिनों से विधानसभा चुनाव में मनमाफिक टिकट के लिए दबाव की राजनीति कर रहे थे।
उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं को देखते हुए आज भाजपा ने यह कदम उठा लिया। अपनी बहु अनुकृति रावत के लिए लैंसडौन सीट से टिकट की मांग खारिज होने से नाराज हरक आज दोपहर दिल्ली रवाना हो गए थे। माना जा रहा था कि हरक कांग्रेस में शामिल हो सकते है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी के नेताओं ने हरक से बातचीत का प्रयास भी किया, लेकिन उनके बढ़ते कदमों को थमते न देख भाजपा ने कड़ा फैसला लेने का निर्णय कर लिया। देर रात संपर्क करने पर सीएम कार्यालय ने हरक की मंत्रीमंडल से बर्खास्तगी की पुष्टि की।डॉ हरक सिंह रावत कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित हो रही कैबिनेट की बैठक छोड़ निकल गए थे। उनकी नाराजगी का कारण उस समय कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव न आना था लेकिन जानकारों का कहना है कि हरक उस वक्त भी लैंसडाउन सीट से अपनी बहू के लिए टिकट की मांग कर रहे थे।
पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में इस्तीफे की धमकी दे चुके रावत लगातार कांग्रेस नेताओं के संपर्क में भी थे। हरक के आगे हर बार घुटने टेकने से खुद भाजपा के भीतर पसंद नहीं किया जा रहा था। हरक को बर्खास्त कर भाजपा ने साफ कर दिया है कि अब वो किसी दबाव में आने वाली नहीं है।इन्ही सभी बातो को लेकर गहमा गहमी का माहोल बना हुआ था जिसके चलते भाजपा ने बड़ा कदम उठाते हुए काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया।