श्रद्धांलुओं की भक्ति और आस्था हमसे ज्यादा महत्व रखती हैं -श्री महंत रवींद्र पुरी

प्रयागराज,अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं माँ मनसादेवी मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने महा कुम्भ के पहले शाही स्नान के सकुशल सम्पन्न होने पर प्रशासन को बधाई दी। उन्होंने कहा की कुम्भ स्नान का आयोजन सही तरीके से हुआ और प्रशासन ने इसकी अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की, जिसके लिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने उनकी सराहना की। उन्होंने कहा की कुम्भ मेला एक बड़े धार्मिक और आस्था का केंद्र माना जाता है, और इसमें देश, विदेश से करोड़ो श्रद्धालु शामिल होते हैं, इसलिए प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।उन्होंने कहा की महाकुम मे आने वाले श्रद्धांलुओं की भक्ति और आस्था हमसे ज्यादा महत्व रखती हैं क्योंकि वो सर्दी,गर्मी बरसात,भूख, प्यास सब सहन करके भी अपने मार्ग से भटकते नहीं हैं। उन्होंने कहा की हमारे यहाँ अखाड़े की छावनी में हजारों श्रद्धालु भक्त भंडारे में भोजन ग्रहण करते हैं। जिससे हमें बड़ी संतुष्टि मिलती है.क्योंकि अन्न का दान महादान कहलाता है उन्होंने कहा की प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और कुशल मार्गदर्शन ने इस महाकुम्भ मेले कों दिव्य और भव्य बनाया हैं। इसके लिए संत समाज उनका आभारी हैं। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमंत रवींद्र पुरी महाराज ने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि आगामी 19 जनवरी को कई नागाओ को दीक्षा दी जाएगी।

अखाड़े के सचिव श्री महंत राम रतन गिरी ने कहा कि देश दुनिया में आकर्षण का केंद्र बने प्रयागराज के महाकुंभ मैं सभी चुनौतियों का सामना करते जिस प्रकार से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के 13 अखाडो की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करते हुए महाकुंभ के पहले स्नान को सकुशल संपन्न कराया है उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के प्रति जो आकर्षण देश और दुनिया में देखने को मिल रहा है वह अद्भुत और अकल्पनीय है देश और दुनिया में रहने वाले सनातन धर्मावलंबियों के साथ सनातन धर्म के प्रति आकर्षित तमाम विदेशी भी इस महाकुंभ के साक्षी बने हैं, जिसे यह महाकुंभ दिव्य और भव्य बना है।इस अवसर पर आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी ललिता नंद गिरी ,महामंडलेश्वर स्वामी सहजानंद पुरी,श्री महंत दिनेश गिरी, श्री महंत राधे गिरी,महंत ओमकार गिरी, महंत नरेश गिरी, स्वामी अनंतानंद गिरी, स्वामी राजगीरी, गोल्डन बाबा नारायण गिरी, महंत भूपेंद्र गिरी आदि के संग अन्य संत महापुरुष मौजूद रहे।

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