देश की एकता और अखंडता कायम रखने में संतो का महत्वपूर्ण योगदान-स्वामी निर्मल दास
प्रयागराज,गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज ने कहा की संतों का देश की एकता और अखंडता कायम रखने में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है। संत न केवल धार्मिक शिक्षा देते हैं, बल्कि वे समाज में समरसता, भाईचारे और सद्भावना का संदेश फैलाते हैं। उनके उपदेशों और आचारों के माध्यम से समाज में जातिवाद, भेदभाव और नफरत के बजाय एकता और प्यार का वातावरण बनता है। संतों ने हमेशा धर्म और मानवता की सेवा की है, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों में आपसी सहयोग और समझ का विकास हुआ है। उनका जीवन और कार्य देश की अखंडता और एकता को मजबूती प्रदान करते हैं, क्योंकि वे हमेशा शांति, अहिंसा और सामूहिक कल्याण की बात करते हैं।
उन्होंने कहा की संतों की देश में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जो समाज और राष्ट्र के हर पहलु में दिखाई देती है। संतो ने धर्म और संस्कृति का संरक्षण करते हुए भारतीय संस्कृति, धर्म और मूल्यों को बनाए रखा और फैलाया। वे समाज को सही मार्गदर्शन देते हुए सनातन धर्म की शिक्षाओं को लोगों तक पहुंचाते हैं।
स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा की संत एक समाज सुधारक भी हैं।संत समाज में व्याप्त बुराईयों जैसे छुआछूत, असमानता और अंधविश्वास के खिलाफ खड़े हुए। उन्होंने सामाजिक सुधार के लिए अपने उपदेशों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया और समानता की ओर अग्रसर किया।
उन्होंने कहा की संत मानवता और करुणा का प्रचार करके हमेशा मानवता, करुणा, और प्रेम की शिक्षा दी हैं । उनका जीवन त्याग और सेवा का उदाहरण रहा है, जिससे समाज में सद्भाव और सहयोग का माहौल सदा बना है।इस अवसर पर स्वामी निर्मल दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, स्वामी आदियोगी, स्वामी नागेंद्र महाराज सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।