लॉक डाउन कर्फ्यू होने के कारण दुकानदार घर में बैठे-बैठे बोर हो रहे हैं घर से दुकान तक जाकर दुकान के शटर के आगे मायूस बैठ कर अपनी दुकान के आगे लगे रेहडी वाले और उनके आगे लगी भीड़ को देखकर अपने मन में सोचते हैं क्या सिर्फ हमारी दुकान खुलने से ही करोना प्रसार हो रहा है। यदि ऐसा नहीं तो प्रशासन को थोड़ा तो हम पर तरस खाना चाहिए हालात यह हैं कि दुकानदारों के जेब में खर्च करने के लिए पैसा नहीं खाने के लिए राशन नहीं और सब्जी आदि खरीदने के लिए उसको उधार लेना पड़ रहा है। ऊपर से दुकान का किराया दुकान मालिकों ने अपनी दुकान का किराया मांगने का दबाव बढा दिया इस डबल दोहरी मार से व्यापारी परेशान है इससे भी अच्छी बात यह है कि प्रशासन की तरफ से किराने की दुकान तो खुल रहीं है परंतु इसके अलावा कपड़े और तथा अन्य सभी सामान की दुकानें बंद है लॉकडाउन में काफी समय से बंद पड़ी इन दुकानों में चूहों की मारामारी होने के कारण दुकानदारों का काफी नुकसान हो रहा है प्रशासन को कम से कम हफ्ते में 3 दिन तो सभी दुकान खोलने का प्रावधान रखना चाहिए ताकि दुकानदारों का दुकान में रखा हुआ सामान कुछ सुरक्षित रह सके ज्यादा समय दुकान बंद रहने के कारण दुकान में चूहे आदि जाकर दुकानदारों का नुकसान करते हैं जिससे उन पर दोहरी मार पड़ती है क्योंकि दुकान में रखा हुआ सामान चुहे काट देंगे वह खराब हो जाएगा और अगला सामान लाने के लिए दुकानदार पर पैसा नहीं है इस स्थिति में उसके सामने एक तरफ कुआं है। एक तरफ खाई ऊपर से पुलिस प्रशासन भी शटर को देखकर चलता है उसकी निगाह सड़क पर खड़े रेहड़ी आदि पर कपड़ा बेचने वालों पर नहीं जाती जो बाहरी व अन्य क्षेत्र से आकर यहां की मार्केट में काफी भीड़ कर देते हैं परंतु शिकायत करने के बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है सरकार को व्यापारी वर्ग के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि सारे व्यापारी या दुकानदार भाई करोड़पति नहीं है 80 से 85% दुकानदार ऐसे हैं जो बेचारे हैंड टू माउथ की स्थिति में है हमारा प्रशासन से अनुरोध है की हफ्ते में कम से कम सभी दुकानदारों को 3 दिन दुकान खुलने का मौका दिया जाए जिसमें चाहे तो वह 7:00 बजे से 12बजे तक का ही समय देऔर इसमें भी प्रशासन चाहे तो साइड वाइज दुकान खुलवा सकता है अर्थात एक दिन एक साइड की खुले और अगले दिन दूसरे साइड की खुले इससे भीड़ भी नहीं होगी और दुकानदारों का नुकसान भी नहीं होगा और उनकी दुकान में जो रखा सामान है उसकी भी सुरक्षा हो पाएगी, साथ ही प्रशासन चाहे तो विशेष गाइड लाइन दे सकता है। उस सभी गाइडलाइन का हम व्यापारी भाई पालन करने के लिए तैयार हैं परंतु आज के हालात में प्रशासन को छोटे दुकानदार और व्यापारियों पर ध्यान देना होगा क्योंकि यह वर्ग जिस स्थिति में चल रहा है वह भयावह होने वाली है। हमारा फिर प्रशासन से अनुरोध है कि इस विषय पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें और व्यापारी वर्ग के हित को ध्यान में रखकर निर्णय लें क्योंकि बिजली का पानी का बिल और दुकान का किराया इसके अलावा अपना घर का खर्च बीमारी आदि और बैंक की किस्त वह सभी उसका दुकान खोलने से चलता है यदि दुकान ही बंद है तो फिर वह बेचारा यह सब खर्च कहां से करेगा हमारा विनम्र अनुरोध है कि कृपया इस पर ध्यान दें अति शीघ्र उचित कार्रवाई कर मरणासन्न स्थिति में पड़े व्यापारी वर्ग को ऑक्सीजन देने का कार्य करें और यह तभी होगा जब उनको उनकी दुकान खोलने की कुछ समय की अनुमति मिल जाए यदि प्रशासन ने व्यापारियों की फरियाद नहीं सुनी तब हम 1 तारीख से व्यापार मंडल के बैनर के साथ आंदोलन के लिए बाध्य होंगे इसमें आंशिक धरना और काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करना जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ज्ञापन देना आदि शामिल होगा इसलिए हमारा अनुरोध है 1 जून से सभी व्यापारियों की दुकानें खोलने की व्यवस्था सरकार करें।

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