निरंजनी अखाड़े की छावनी मे संत महापुरुषों ने महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी का पट्टा अभिषेक कर जगतगुरु की उपाधि से किया विभुषित

प्रयागराज, महाकुम्भ मे निरंजनी अखाड़े की छावनी में निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशा नन्द गिरी की अध्यक्षता और संत महापुरुषों के सानिध्य मे महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी का पट्टा अभिषेक कर जगतगुरु की उपाधि से विभुषित किया गया।

अखिल भारतीय अखाडा परिषद एवं माँ मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा की आज जो सम्मान महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी कों मिला हैं ऐसा सम्मान किसी व्यक्ति के अद्वितीय योगदान और आध्यात्मिक उत्कृष्टता की पहचान होता है।ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी के द्वारा किए गए कार्य समाज और धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस तरह के सम्मान से न केवल उनका योगदान सराहा जाता है, बल्कि संत परंपरा और धर्म की महानता को भी बढ़ावा मिलता है।

निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशा नन्द गिरी महाराज ने कहा कि संत महापुरुष जो भी कार्य करते हैं, वह केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समस्त मानवता के भले के लिए करते हैं। उनका जीवन दूसरों की सेवा, प्रेम, और कल्याण के लिए समर्पित होता है। वे हमेशा लोगों को अच्छाई की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं और अपने कार्यों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करते हैं।

आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नन्द गिरि महाराज ने कहा की संत कभी अहंकार नहीं करते। उनका जीवन विनम्रता, त्याग और आत्मज्ञान से परिपूर्ण होता है। संतों का अहंकार से कोई संबंध नहीं होता, क्योंकि वे स्वयं को बस एक साधारण साधक मानते हैं और अपने ज्ञान या शक्ति का कभी घमंड नहीं करते। उनका उद्देश्य केवल भगवान की सेवा और दूसरों की भलाई होता है, न कि खुद को श्रेष्ठ दिखाना।इसीलिए ब्रह्मऋषि कुमार स्वामीअपने तपबल से विश्व के श्रद्धांलु भक्तो का कल्याण कर रहे हैं।

 

 

 

 

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