मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डामकोठी में जनपद हरिद्वार में हुये जलभराव के सम्बन्ध में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने उच्चाधिकारियों के साथ इस सम्बन्ध में विचार-विमर्श कर निरंतर स्थिति पर नजर रखने को कहा।मुख्यमंत्री ने बैठक में पेयजल, स्वास्थ्य, संचार, विद्युत आदि व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा निर्देश दिये कि जल भराव वाले क्षेत्रों में सभी व्यवस्थायें सामान्य रूप से संचालित हों, यह सुनिश्चित किया जाए।मुख्यमंत्री ने जलभराव की वजह से फसलों को हुये नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जनपद हरिद्वार में जिन-जिन क्षेत्रों में भी विगत दिनों में भारी वर्षा से जलभराव हुआ है या बाढ़ आयी है, को आपदा क्षेत्र घोषित किया जायेगा।आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आगामी तीन माह तक विद्युत, जल, अन्य सरकारी देय एवं ऋणों की वसूली को स्थगित रखा जायेगा।आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सघनता से तीव्रता से व्यापक सर्वेक्षण कराकर मानकानुसार तत्काल राहत राशि का वितरण सुनिश्चित कराया जायेगा।भविष्य में इस प्रकार की आपदा की पुनरावृत्ति रोकने एवं बचाव के लिए बाढ़ प्रबन्धन योजना पर कार्य किया जायेगा। जिसमें जल निकासी की व्यापक योजना तैयार कर कार्य कराना जाना एवं आवश्यकतानुसार छोटे पुलियों का निर्माण कराया जाना सम्मिलित है।भविष्य में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए नदियों के चैनेलाईज कराने का कार्य कराये जाने के कदम उठाये जायेंगे।आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार स्थायी बाढ़ राहत केन्द्रों का निर्माण कराया जायेगा।

error: Content is protected !!