हरिद्वार /अवैध खनन की सूचना पर सिडकुल क्षेत्र में प्रशासन की टीम ने छापेमारी की कार्येवाही की हें। आपको बतादे की हरिद्वार प्रशासनिक भवन से मात्रा 3 किमी दूरी पर सलेमपुर रावली महदूद-2 के क्षेत्र पर खनन माफिया हावी हैं। मिट्टी का अवैध खनन बड़े पैमाने पर चल रहा है । रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक इन खनन माफियाओ का खेल चलता रहता है ,और पास बैठे प्रशासन को भनक तक नही होती। यह सब देख कर हैरानी तब होती है जब प्रशासनिक अधिकारी कार्यवाही लिए निकलते है, तो उससे पहले इन खनन माफियाओं को सूचना मिल जाती है। ऐसा ही एक नजारा देर रात्रि में भी देखने को मिला। उपजिलाधिकारी अंशुल सिंह के निर्देश पर नवनियुक्त तहसीलदार हरिद्वार गिरीश त्रिपाठी अपनी टीम के साथ हो रहे अवैध खनन पर कार्यवाही करने के लिए पहुँचे।लेकिन उनके पहुचने से पहले ही खनन माफिया भाग चुके थे तहसीलदार गिरीश त्रिपाठी ने कहा कि क्षेत्र अवैध खनन बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस प्लांट में खनन माफियाओं के द्वारा अवैध खनन कर मिट्टी का भराव किया गया हैं उस प्लाट की जांच की जाएगी।

पुलिस प्रशासन कावड़ यात्रा को रोकने में व्यस्त, अवैध खनन माफिया माल लूटने में मस्त 
सलेमपुर रावली महदूद-2 के क्षेत्र पर खनन माफिया हावी हैं । मिट्टी का अवैध खनन बड़े पैमाने पर चल रहा है । प्रतिदिन प्रशासन की नाक के नीचे से होकर मिट्टी भरे डंपर व ट्रैक्टर ट्रॉली निकलते हैं , लेकिन प्रशासन द्वारा इनके खिलाफ कोई उचित कार्रवाई नहीं की जाती है। यह माफिया बुलंद हौसलों के साथ अपने काम में जुटे हुए हैं , ऐसा लगता है कि इन्हें रोकने वाला अब कोई नहीं है। पहले ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम खनन कर मिट्टी बेची जाती थी, लेकिन अब तो ये लोग बड़े पैमाने पर डंफर के माध्यम से मिट्टी बेच रहे हैं। सब से ज्यादा हैरान करने वाली ये बात है कि, मिट्टी से भरे डंपर कौन से रास्ते से जाते है जो क्षेत्र में गस्त करने वाली चेतक या थाने के रात्रि में तैनात अधिकरी को नही दिखाई देते हें ? या फिर ये कहे कि पुलिस प्रशासन की आँखों के सामने से जाते है ? यह सबसे बड़ा सवालिया निशान हें।

 

error: Content is protected !!