उत्तरकाशी यूके विवेक सिंह सजवाण

जिले का पटारा गांव एक बहुत ही सुंदर पहाडी क्षेत्र में बसा गांव । लेकिन जब भी जाना तो पानी की विकट समस्या से जूझते हुये पाया ।  क्षेत्रफल व आवादी के लिहाज से कमोबेश पहाड़ी गांवो की आवादी जनसंख्या के लिहाज से बडा गांव कह सकते है ।   पटारा  गांव का दुर्भाग्य देखे तलहटी में गंगा नदी बह रही  है  लेकिन गांव प्यासा ही है ।   वैसे तो गांव के दामाद क्षेत्र से ही विधायक भी है और एक अन्य प्रतीम पंवार  कैविनेट मंत्री भी रहे   है लेकिन समस्या जस की तस ।  खैर पटारा के  परिश्रमी लोगो के लिये जहां समस्या है तो वहाँ उसे लडना जूझना और जीतना स्वभाव में सामिल है । ऐसे में पटारा की प्रौढ महिला सरतामा देवी  मिसाल बन कर  उभरी है ।
सरतामा देवी ने जल समस्या को देखते हुये गांव के चाल खालो  को पुनर्जीवित करने का विडा उठाया और  रिलायस फाउडेशन के सहयोग से हिम पटारा संगठन का गठन कर मुहिम छेडी ।  चाल खाल में बर्षा जल संचय से पशु पक्षीयों पालतू मावेशियों को पानी मिलना शुरू हो गया । इसी क्रम में विगत तीन बर्षो में पुराने चाल खालों की सफाई व नये चाल खालो का निर्माण किया गया । जल संरक्षण के प्रयासों के लिये यूएनडीपी /सयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की ओर से  देश की 41 महिलाओं को जल चैंपियन चुना गया ।
इस में उत्तराखंड से चैंपियन चुने जाने वाली सरतमा देवी एक मात्र महिला है । 8अक्टूबर 2020 को प्रतिष्ठित पर्यावरणीय संस्था ‘अर्थ डे नेटवर्क ‘ की ओर से  संगठन को स्टार वूमेन्स आर्गेनाइजेशन  का दर्जा दिया गया । शनिवार को स्टाकहोम अंतरराष्ट्रीयजल संस्थान, जल संसाधन मंत्रालय व जल शक्ति मंत्रालय की मौजूदगी में आयोजित  आनलाइन कार्यक्रम में 41 महिलाओं को जल चैपियन का खिताब दिया गया ।
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