हरिद्वार। बेस चिकित्सालय का डीसीएचसी के रूप में मंगलवार को राज्य सरकार तथा पतंजली के संयुक्त सहयोग से 150 बैंड के अस्पताल का उद्घाटन सीएम तीरथ सिंह रावत और योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा किया गया था, उसी अस्पताल में 66 साल की एक महिला ने इलाज के अभाव में दम तोड दिया। महिला के बेटे के आरोप है कि उद्धाटन से पहले तक डॉक्टर वेंटिलेटर होने की बात कह रहे थे लेकिन बाद में उसे वेंटिलेटर ना होने की बात कहते हुए मां को कहीं ओर ले जाने के लिए कह दिया। यहां वहां भटकने के बाद जब बेटा बेस अस्पताल पहुंचा तो उसने किसी तरह अपनी मां का हाल जानना चाहा तो उसे पहले कुछ नहीं बताया फिर उसने एक नर्स के आगे हाथ जोडकर पूछा तो पता चला कि उसकी मां की मौत हो गई। रोता बिलखता बेटा सिस्टम के खोखले दावों के आगे हार गया। ये कहानी है कनखल के सर्वप्रिय विहार के रहने वाले अनुज शर्मा की। अनुज शर्मा की मां रेखा शर्मा कोरोना संक्रमित थी और रेखा शर्मा का आक्सीजन लेवल गिरने के बाद उसे बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अनुज शर्मा ने रोते हुए बताया कि उनकी मां की मौत इलाज ना मिलने के कारण हुई है। सारे दावे झूठे हैं यहां मरीजों के साथ बहुत बुरा व्यवहार हो रहा है। अनुज ने कहा कि मेरी मां चली गई लेकिन आप हो सके तो लोगों को बचा लो।

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