दिनदयाल दास महाराज ने बताया की जिस समय दादा गुरु का देहवसान हुआ सभी को बहुत झटका लगा। उन्होंने आरोप लगते हुए कहा की उनकी हत्या की गई हैं ।उनके अंत समय की जो विडिओ और फोटो हमने देखि हैं ।उसमे उनके हाथ और पाव रस्सी से बंधे हुए थे ।आखिर ऐसा कोन सा इलाज किया गया जो उनके हाथ पैर बांधने की नौबत आई ।उन्होंने कहा की यह नौबत तब आती हैं जब इंसान पागल हो जाता हैं ।लेकिन दादा पागल नहीं हो सकते वो ब्रह्म ऋषि थे और कायाकल्प थे ।

उन्होंने कहा की ऐसी कोन सी दवाई उन्हें दी गई, जो उनके हाथ बांधने पड़े। उन्होंने कभी पेजमा पहनाया गया था ।जबकि वो कभी पजामा नहीं पहंनत थे ।उन्होंने बताया की दादा जी ने 12 साल पहले कुम्भ में बताया था की, जिस दिन मेरे शरीर पर औजार चला में उस दिन नहीं बचूंगा ।उन्होंने आरोप लगाया हैं की उनका जबरदस्ती ऑपरेशन करवाया गया ।और उनकी मोत का सडयंत्र रचा गया हैं ।उन्होंने यह भी बताया की उनकी मोत के जिम्मेदार कुछ परिवार के लोग हैं और कुछ लोग घर के हैं।

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