रिपोर्ट :- मनव्वर कुरैशी
रुड़की/राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम पूर्व केन्द्रीय मंत्री आतिफ रशीद ने मुकीम गाड़ा खाताखेडी को राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा समाज का उत्तराखंड राज्य का प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया है नियुक्ति संदेश में श्रीं आतिफ रशीद ने मुकीम को उत्तराखण प्रदेश राज्य का प्रवक्ता नियुक्त करते हुए उम्मीद जताई है श्री मुकीम और श्री अकरम जनसेवा में तत्पर होकर समस्याओं का समाधान करते हुए समाज को सर्वव्यापी और सर्वस्पर्शी बनाएंगे एवम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संकल्प सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास और सबका प्रयास को साकार करते हुए अपना योगदान देंगे। मुकीम गाड़ा और अकरम मालिक ने नियुक्ति पर राष्ट्रिय अध्यक्ष आतिफ रशीद प्रदेश अध्यक्ष जुनैद को धन्यवाद करते हुए कहा कि पसमांदा समाज के लिए तत्परता से कार्य किया जायेगा एवम मैं संगठन के लिए समर्पित कार्य करते हुए माननीय राष्ट्रिय अध्यक्ष के निर्देशानुसार पसमांदा समाज के लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि पसमांदा समाज देश का पिछड़ा समूह जो सिर्फ वोट बैंक एटीएम बनकर रह गया।पसमांदा समाज को कभी भी वो अधिकार वो प्रतिनिधित्व वो सम्मान नही मिला जो मिलना चाहिए था।देश के अधिकतर राष्ट्रीय संस्थान संस्थाएं उनमें भी पसमांदा की उपस्थिति ना के बराबर हुई।पसमांदा मुसलमानों को शिक्षा स्वास्थ्य प्रतिनिधित्व को कभी बात नही होते
आज तक पसमांदा देश का असंघटित समूह बनकर रह गया।मैं समुदाय के अंदर पसमांदा मुस्लिमों के सदियों पुराने अन्याय और शोषण की तरफ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। पसमांदा समुदायसामाजिक, आर्थिक और सियासी तौर पर बेहद कमजोर हैं। आजादी के 75 वर्ष बाद भी उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। माननीय राष्ट्रिय अध्यक्ष आतिफ रशीद बोल चुके है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जामिया हमदर्द में 50 फीसद आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष आतिफ रशीद जी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया आदि संस्थानों के कुलपतियों को पत्र लिखते हुए विश्वविद्यालयों में पसमांदा मुस्लिमों के लिए आरक्षण का आग्रह किया था। 15 जून को लिखे गए एक पत्र में रशीद जी ने‘कोटा के भीतर कोटा’ के संबंध में लिखा था। उन्होंने कहा था कि, ‘हमने अल्पसंख्यक संस्थानों के तीन कुलपति को पत्र लिखते हुए पसमांदा मुस्लिमों के लिए मुस्लिम कोटे के अंदर 50 फीसद आरक्षण देने को कहा है। इससे किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए या विश्वविद्यालयों के अंदर समीकरण नहीं बदलना चाहिए, क्योंकि हम सिर्फ कोटा के अंदर ही कोटा माँग रहे हैं जो पहले से ही चलन में है।
इसके अतिरिक्त माननीय आतिफ रशीद ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भी पत्र लिखा है, और सामाजिक तथा आर्थिक रूप से संकटग्रस्त समुदाय की दुर्दशा की तरफ ध्यान आकर्षित किया है। समस्त पसमांदा समाज अपने हित और अधिकार के लिए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष के पीछे संघर्ष करेगा और वो दिन दूर नही जब हमे हमारा अधिकार मिल कर रहेगा।
