हरिद्वार महाकुंभ घोटाला 2021 एक बड़े घोटालों में से एक माना जा रहा है, जिसकी जांच में अभी तक कई कर्मचारी सवालों के कटघरे में खड़े हो चुके हैं। महाकुंभ 2021 में कोरोना टेस्टिंग घोटाले में पहली गिरफ्तारी हरिद्वार के सर्कल ऑफिसर अभय प्रताप सिंह के द्वारा की गई थी। जिसमें आरोपी आशीष नलवा को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। नलवा के विषय में बताया जाता है कि वह लेबोट्री को मानव संसाधन और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराता था ।उसी दौरान आशीष नलवा को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भी भेजा गया था। जिससे कि कुछ और तथ्य सामने निकल कर सामने आ सके। उसी दौरान पुलिस के द्वारा कोविड-19 में इस्तेमाल किए गए रजिस्टर और लैपटॉप भी जप्त कर लिए गए थे, जिनकी जांच की जा रही थी ।महाकुंभ घोटाले के मामले में हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी शंभू कुमार झा की तहरीर पर मैक्स कारपोरेट सर्विसेज और दो निजी लैब के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद घोटाले की जांच के लिए एसएसपी हरिद्वार ने एक विशेष जांच दल एसआईटी का गठन कर उसको सौंप दी थी। जो इस मामले की जांच पड़ताल कर रहे थी ।महाकुंभ घोटाले की जांच में आज फिर से एक नया मोड़ आ गया है ।जिसमें हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े के मामले में दो और अधिकारी निलंबित किए गए हैं ।शासन ने कुंभ मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अर्जुन सिंगर और नोडल अधिकारी एनके त्यागी को भी निलंबित कर दिया है। इन दोनों को कोरोना की सही तरीके से निगरानी ना करने और बिना जांच के 30 लाख के बिल जारी करने के आरोप में निलंबित किया गया है ।हरिद्वार के जिलाधिकारी ने सीडीओ के द्वारा की गई जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को सौंपी थी। जिसके बाद अभी तक यह रिपोर्ट मंत्री धन सिंह रावत तक ही पहुंच पाई थी। अधिकारियों पर इतने गंभीर आरोप लगने के बाद अभी इस मामले में और कई नाम उजागर होने की संभावना बनी हुई है ।क्योंकि महाकुंभ घोटाले के तार कहां तक जुड़े हैं और कहां तक नहीं इसका पता अभी जांच पूरी होने पर ही पता चल पाएगा।
