हरिद्वार भेल मजदूर ट्रेड यूनियन BMTU संबंद्ध इंकलाबी मजदूर केंद्र (इमके) का  11 वां स्थापना दिवस है यूनियन ने कोविड कर्फ्यू के कारण अपने ही कार्यालय सेक्टर 4 में कार्यकारिणी के साथ एक सभा कर स्थापना दिवस मनाया।

यूनियन के महामंत्री अवधेश कुमार ने कहा कि नये श्रम संहिताओ में मोदी सरकार ने ट्रेड यूनियन अधिकारों पर हमला बोला है। 51 फ़ीसदी मजदूरों के समर्थन वाली यूनियन को ही एकमात्र वास्तविक यूनियन का प्राधिकार होगा। एकमात्र वास्तविक यूनियन के अभाव में संस्थानों में समझौता परिषद के गठन का प्रस्ताव है लेकिन इस परिषद की सदस्य वही यूनियन हो सकती है जिसके उस संस्थान में कम से कम 20 फिसदी मजदूर सदस्य होंगे । यह श्रम संहिता मजदूरों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है।


यूनियन के अध्यक्ष राज किशोर ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने 7 साल के कार्यकाल में 63 सालो के पूर्ववर्ती सरकारों को पीछे छोड़ते हुए देश के कॉर्पोरेट घरानों के मुनाफे को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों संस्थानों का निजीकरण करके एक लाख 75 हजार करोड रुपए का विनिवेश का लक्ष्य 2021 में रखा है ।जबकि बड़े उद्योगपतियों का एन पी ए का करीब 10 लाख करोड़ पर का कर्जा माफ किया है। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर राजद्रोह के मुकदमे लगा दिए जा रहे हैं परंतु स्वयं केंद्र सरकार सार्वजनिक संपत्ति /संस्थानो को बेच रही है तो राजद्रोह नहीं लगेगा। यही होता है पूंजीवाद में जहां पूंजी- पतियों और उनकी सरकारों की आम मजदूर _मेहनतकशों के ऊपर खुली तानाशाही होती है।


यूनियन के उपाध्यक्ष श्री नीशू कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार अपने फासीवादी एजेंडे के तहत आपदा में अवसर ढूंढने में लगी हुई है ।पहले किसान विरोधी तीन काले कृषि कानून पास किए जिन्हें वापस करने हेतु देश के अन्नदाता 6 महीने से अधिक समय से लगातार देश की राजधानी की सीमाओं को चक्का जाम किए हुए हैं उसके बाद 4 मजदूर विरोधी श्रम संहिताओ को पास करके मजदूर वर्ग को अधिकारों से वंचित कर सौ से डेढ़ सौ वर्ष पीछे धकेल दिया गया है।

यूनियन के मंत्री अरविंद कुमार ने कहा कि कोविड महामारी में हमारे संस्थान बीएचईएल में 20 से अधिक नियमित कर्मचारियों की मौत कोविड-19 की वजह से हुई परंतु उनके परिवारजनों को स्थाई नौकरी की व्यवस्था ना होने से पूरे परिवार के हालात बहुत ही खराब हालात में पहुंच रहे हैं। जबकि ओएनजीसी एनटीपीसी समेत कई निजी संस्थानों में मृतक आश्रितों के लिए स्थाई नौकरी की व्यवस्था की गई है।

इंकलाबी मजदूर केंद्र के हरिद्वार प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि मजदूर वर्ग ने हमेशा संघर्षों के दम पर अपने राज किए और पूंजीपतियों ने मजदूर राज कायम ना हो सके इसके लिए कुछ अधिकार देकर मजदूर वर्ग के क्रांतियों को रोकने का काम किया। वर्तमान में मजदूर वर्ग के संघर्ष कमजोर पड़े हैं जिसके परिणाम स्वरूप भारत सहित पूरे विश्व में पूंजीवादी सरकारे मजदूर मेहनतकश वर्ग पर एक से बढ़कर एक हमले बोल रहे हैं मजदूर वर्ग के नेतृत्व में संघर्ष के दम पर ही इस पूंजीवादी व्यवस्था के स्थान पर मजदूर राज समाजवाद की स्थापना से ही मजदूर वर्ग व अन्य मेहनतकश वर्ग की वास्तविक मुक्ति होगी।

स्थापना दिवस के अवसर पर मजदूरों की चार मांगों को उठाकर सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार किया गया।
श्रम कानूनों पर हमले के खिलाफ।
भेल सहित सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ ।
भेल में मृतक आश्रितों को नौकरी के लिए।
मजदूरों की आर्थिक कटौतियों के खिलाफ।

इस अवसर पर राजकिशोर ,अवधेश कुमार ,सत्यवीर सिंह, अरविंद कुमार ,रविंद्र कुमार, राजीव कुमार, ब्रजराज सिंह,मेहराज अली ,पंकज कुमार राजू,हरीश व रंजना आदि लोग उपस्थित रहे ।

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