रिपोर्ट : तसलीम कुरैशी
पिरान कलियर।”साबरी झंडा काफिला” हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक रहमतुल्लाह अलेय के खादिम ए खास हजरत बाबा गुलाम जिलानी ने अपने खलीफा सूफी रहीस अहमद साबरी की कयादत में शुरू किया था जो आज 35 वर्ष हो चुके है और ये 36 वा “साबरी झंडा काफिले” का आयोजन है।जो बरेली शरीफ से सय्यद नासिर मियां नोमेला दरगाह शरीफ से हर वर्ष 14 दिनों में पैदल चलकर फतेहगंज,रामपुर, मुरादाबादनगीना,कांठ, नजीबाबाद, हरिद्वार होते हुए कलियर शरीफ “साबरी झंडा” लेकर रबीउल अव्वल की चांद रात को कलियर शरीफ पहुंचते है जो चांद दिखने पर मेहंदी डोरी से पहले साबिर पाक के बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाता है जिसको झंडा कुशाई की रसुमात कहते है। जो 35 वर्षो से हर वर्ष “साबरी झंडा काफिला” बरेली शरीफ से कलियर शरीफ पहुंचता है और इसी की साथ साबिर पाक के सालाना उर्स का आगाज होता है।अब इस रसुमात को आगे बढ़ाते हुए हज़रत बाबा गुलाम जिलानी साबरी के सज्जादा नशीन एवं हज़रत सय्यद हाफिज ख्वाजा शमसुद्दीन तुर्क पानीपती शाह विलायत के सज्जादा नशीन सय्यद सूफी हाफिज मेराज हुसैन साबरी की जेरे सरपरस्ती में और सूफी वसीम मियां साबरी की जेरे कयादत में हज़रत बाबा गुलाम जिलानी साबरी के सैकड़ों मुरीदैन के साथ बरेली शरीफ से कलियर शरीफ लेकर पहुंचते है। इस मुबारक मौके पर सय्यद सूफी हाफिज मेराज हुसैन साबरी ने बताया है कि आज जो “साबरी झंडा मुबारक” कलियर शरीफ पहुंचा है ये मेरे पिरो मुर्शीद हजरत बाबा गुलाम जिलानी साबरी ने आज से 35 वर्ष पूर्व हजरत बाबा गुलाम जिलानी साबरी द्वारा अपने खलीफा सूफी रहीस अहमद साबरी को इसकी जिम्मेदारी देकर रवाना किया था जो पैदल चलकर 14 दिनों में रबीउल अव्वल की चांद रात को कलियर शरीफ पहुंचकर साबिर पाक के बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाता है जो पूरे वर्ष वही पर लगा रहता है और अगले वर्ष आज ही के दिन बदला जाता है। और बताया है कि साबरी झंडे का जगह जगह जोरदार स्वागत होता है जिसमें आज वार्ड नंबर 4 के सभासद राशिद अली के कार्यालय पर सभी सभासदों और स्थानीय अकीदतमंदों की उपस्थिति में साबरी झंडे के काफिले का जोरदार स्वागत कर किया गया। इस मौके पर मोहम्मद वसीम मियां साबरी बरेली शरीफ,राव इनाम साबरी,बाबा मेसशी शाह साबरी,डी.के.साबरी, युनुस साबरी,खादिम इस्तखार अमन साबरी,शीनू साबरी,सभासद राशिद अली,सभासद डॉक्टर शहजाद,सभासद रहीस अहमद,सभासद अमजद मलिक,समाजसेवी इसरार शरीफ,मौसम अली,मास्टर अजीम, मेहरबान अली, जैनुलाबेदीन,नाजिम साबरी,शावेज़ साबरी, वाजिद साबरी, दानिश साबरी,रिहान साबरी,रियासत साबरी,नाजिम मिस्त्री,शहजाद मलिक,सुभान साबरी, जावेद साबरी,हाजी इस्तियाक,शान साबरी, तसलीम,आदि अकीदत मन्दों ने शिरकत कर साबरी झंडा काफिले का खैर मुकदम किया।

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