धर्मनगरी हरिद्वार में खाली पड़े बाजार में व्यापारियों ने अपनी पीड़ा बताकर प्रशासन से मांग की है आपको बताते चलें कि मकर संक्रांति स्नान पर्व को कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए स्थगित कर दिया गया था। जिसके बाद हरिद्वार के बाजार सुने और वीरान पड़े नजर आ रहे हैं। जिसको लेकर व्यापारियों मैं काफी निराशा देखने को मिल रही है। व्यापारियों का कहना है कि शासन और प्रशासन व्यापारियों की पीड़ा को ना तो देख रहा है और ना समझ रहा है।

व्यापारियों ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि आज व्यापारियों की हालत बद से बदतर हो चली है। क्योंकि जब भी व्यापारियों को किसी वार या त्यौहार से कुछ उम्मीदें जगती है। तभी शासन और प्रशासन के द्वारा कोई ना कोई निर्णय लेकर व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया जाता है। व्यापारियों ने कहा कि इस बार भी ऐसा ही हुआ हें ,मकर सक्रांति स्नान पर्व को शासन, प्रशासन के द्वारा स्थगित कर दिया गया, जो कि व्यापारियों के साथ अन्याय है।

उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन को चाहिए था कि गाइडलाइनो का पालन करवाते हुए स्नान पर्व को करवाना सुनिश्चित किया जाना था, ना कि उसे स्थगित करना था। शासन प्रशासन को व्यापारियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए था।

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