रिपोर्ट : मनव्वर कुरैशी
पानीपत।पिरान कलियर हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक रहमतुल्ला अलैय कलियरी के जानिशार वाहिद मुरीद खलीफा हजरत सय्यदना ख्वाजा हाफिज शमसुद्दीन तुर्क पानीपती रहमतुल्ला अलैय शाह विलायत साहब का 746 वा सालाना तीन रोजा नूरानी उर्स सकुशल सम्पन्न हुआ।उर्स में देश के कोने कोने से आपके चाहने वाले अकीदतमंदो ने शिरकत की और फैज हासिल किया। दरगाह शरीफ के सज्जादा नशीन सय्यद सूफी हाफिज मेराज हुसैन साबरी ने बताया है कि 01 दिसंबर को दरगाह शाह विलायत साहब में परचम कुशाई की गई वे 02 दिसंबर को दरगाह हजरत कबीरूल औलिया रहमतुल्ला अलैय से चादर का जुलूस हजरत सय्यदना ख्वाजा हाफिज शमसुद्दीन तुर्क पानीपती शाह विलायत की दरगाह तक वे गुसल शरीफ और चादर पोशी।03 दिसंबर को कुल शरीफ महफिलें शमा वे रंग और दुआ के साथ उर्स का समापन हुआ और तीनों दिन दोनों समय जेरे सरपरस्ती दरगाह के सज्जादा नशीन सय्यद सूफी हाफिज मेराज हुसैन साबरी वे जेरे इंतजामिया अंजुमन गुलामाने चिश्तिया साबरिया वेलफेयर सोसाइटी दरगाह शाह विलायत साहब(रजि०) वार्ड नंबर 8 सौनौली रोड पानीपत हरियाणा की जानिब से लंगर आम होता है। सज्जादा नशीन सय्यद सूफी हाफिज मेराज साबरी ने बताया है कि ये जो गुल है इसको गुलशन बनाने बनाने में हमारे पिरो मुर्शीद हजरत बाबा गुलाम जिलानी साबरी ने अपनी हयाते जिंदगी में दरगाह शाह विलायत साहब की तोशी और दरगाह में जो महफिल खाना और दीगर कार्य कराए कराए है वो हमेशा याद किए जाएंगे।हज़रत सय्यदना ख्वाजा हाफिज शमसुद्दीन तर्क पानीपती शाह विलायत साहब वो सिलसिला ए चिश्ती साबरी है जिन्होंने अपनी हयात ए जिंदगी अल्लाह को राजी करने में फनाह कर ये मकाम हासिल किया है जिसको रहती दुनिया तक जाना जाएगा और ऐसे ही फैजओ बरकात से लोग फैज हासिल करते रहेंगे।दरगाह शरीफ के सज्जादा नशीन सय्यद सूफी हाफिज मेराज हुसैन साबरी द्वारा उर्स में आए हुए सभी जायरीनों मेहमानों को तबर्रूक (प्रशाद) देकर मेहमानों को रुकसत कर उर्स के समापन की घोषणा करते है।उर्स में मेहमाने ख़ा शुशी बिलाल मियां चिश्ती गद्दी नशीन दरगाह अजमेर शरीफ,गुलाम फरीद साबरी खादिम दरगाह बाबा गरीब शाह साबरी कलियर शरीफ, अकरम अली साबरी चेयरमैन नगर पालिका रामनगर उत्तराखंड, सूफी इसरार साबरी,हसनैन साबरी,सूफी मुन्ना साबरी,दिलशाद साबरी, हाजी जुनैद उर्फ बंटी भाई मुरादाबाद,बाबा मेशी शाह साबरीअमृतसर,गुलाम साबरी अमृतसर,बाबा गंगे शाह साबरी,फईम साबरी,आलम साबरी, शोहराब साबरी हल्द्वानी, माजिद साबरी,अबू हमजा कलंदर पानीपत,इस्तखार अमन साबरी,गुलफाम साबरी,राशिद साबरी, आफताब साबरी,वसीम साबरी,हाजी इशाक साबरी, शाह आलम साबरी,तसलीम साबरी,मनव्वर कुरैशी, मुस्कान राजपूत,अहसान अली,तसलीम साबरी उर्फ गोविंदा,शहीद ठेकेदार, फरदीन साबरी,परवेज साबरी,जावेद साबरी,राजा साबरी,फिरोज साबरी, गुफरान साबरी,एजाज कुरैशी,राव इनाम खां,राव अजहर खां,इंतजार उर्फ बाबा साबरी,नदीम कुरैशी साबरी,हाजी नईम कुरैशी,रहीस अहमद डिश वाले,रहीस कुरैशी,डी.के. साबरी अमृतसर,धर्मेंद्र साबरी अमृतसर आदि अकीदत मंदों ने शिरकत कर फैज हासिल किया।

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