पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार की प्रेरणा से द्वारा शुरू की गई पहल आज अपने मुकाम पर पहुँच गई है।
16 भिक्षुकों को अच्छा व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए सिडकुल में स्थित होटल रेडिसन प्रबंधन से वार्ता की गई। होटल रेडिसन प्रबंधन के द्वारा इस मानवीय कार्य मे सहर्ष सहभागिता करने की इच्छा जाहिर की गई और अपने पेशेवर सेफ और कर्मचारियों से 16 भिक्षुकों को होटल व्यवसाय का प्रशिक्षण दिया गया। फरवरी माह में प्रशिक्षण पूरा होने पर इन सभी 16 भिक्षुकों को थाना/चौकी और पुलिस लाइन की मेसों में संविदा पर कार्य पर लगा दिया गया।

इसी दौरान इन सभी भिक्षुकों के आधार कार्ड बनवाकर इनके बैंक खाते खुलवाए गए। वर्तमान में इन सभी नए भिक्षुक पुलिस कार्मिकों को अपना मासिक वेतन अपने खातों पर प्राप्त हो चुका है। इनमें से कुछ भिक्षुकों के द्वारा अपनी पहली कमाई का कुछ अंश अपने घर भी भेजा गया है। पहला वेतन मिलने के बाद आईजी कुम्भ महोदय द्वारा इन भिक्षुक पुलिस कार्मिकों को मिलने के लिए अपने कार्यालय में बुलाया गया और इनसे इनकी समस्याओं के बारे में जानना चाहा तो इनमें से अधिकतर अपने भविष्य को लेकर आशंकित थे कि क्या कुम्भ खत्म होने के बाद भी उन्हें इसी प्रकार कोई नौकरी मिल सकेगी या नही।
उनकी इस आशंका को सही मानते हुए आईजी कुम्भ के द्वारा सिडकुल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों से इस सम्बंध ने बात की तो एसोसिएशन के द्वारा पदाधिकारियों सभी 16 भिक्षुक कार्मिकों को उनकी योग्यता अनुसार कम्पनियों में काम देने का आश्वासन दिया गया।
