हरिद्वार / पितृ अमावस्या पर हरिद्वार में लाखो श्रद्धालुओं ने स्नान कर अपने पितरो के निमित तर्पण किया आपको बतादे की पितृ अमावस्या पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष का आखिरी दिन होता है। इसे विसर्जनी अमावस्या भी कहते हैं। आज इस अवसर पर हरिद्वार में स्नान और तर्पण का अपना एक अलग महत्व है , सुबह 4 बजे से ही हरिद्वार के हर की पौड़ी सहित तमाम घाटो पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली ,कहा जाता हें की आज के दिन उन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी तिथि परिजनों को ज्ञात नहीं होती है। आश्विन मास में पड़ने वाली सर्व पितृ अमावस्या के दिन इस साल विशेष संयोग बन रहा है।
इस साल सर्व पितृ अमावस्या पर गजछाया योग बन रहाहै। इससे पहले यह योग 11 साल पहले 2010 में बना था। गजछाया योग को बेहद शुभ माना जाता है। आज सूर्योदय से सूर्य और चंद्रमा शाम 04 बजकर 34 मिनट तक हस्त नक्षत्र में होंगे। इस स्थिति के कारण गजछाया योग बनता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गजछाया योग में श्राद्ध या तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं। कहते हैं कि इस योग में श्राद्ध और दान करने से पितरों की क्षुधा अगले 12 सालों के लिए शांत हो जाती है।